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भारत की आजादी के बाद जिस रप्तार से विकास हुवा,उसी रप्तार से देश में भरष्टाचार और भाई-भतीजा वाद भी बढ़ता गया.अमीर और अमीर होता गया और गरीब और गरीब होता गया.
आजाद हुए चंद साल हुए
कुछ लोग माला-माल तो
कुछ लोग यहाँ बेहाल हुए
आजाद हुए कुछ अरमाँ जागे,
किसको पता था इतने होंगे अभागे।
आजादी के बाद जनसंख्या की मार:
- देश की आजादी के बाद जनसंख्या गुणोत्तर श्रेणी नें बढ़ती गयी,जिसका परिणाम ये हुवा कि देश से गरीबी,बेरोजगारी,भुखमरी और कुपोषण नहीं मिट सका.
आजादी के बाद जनसंख्या की लहर
जनसंख्या की बाढ़ सी आयी,
समस्याओं का सैलाब लायी।
आजादी के जैसे साल बढ़े,
खोते सिक्के और जाली नोट बढ़े।
शहर-शहर में अफरा-तफरी फिर भी,
नेताओं के वोट बड़े।
