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नहीं झुकता है मेरा सर

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शर्म से झुकता है सर

 

 

 

 

 

 

नहीं झुकता है मेरा सर किसी,

मंदिर ,मस्जिद की दहलीज में जाकर,

मेरा सर झुकता है शर्म से

भीख मांगते नन्हे नौनिहालों को देखकर

और झुकता है सर शर्म से कलम छोड़कर

कचरा विनती बच्चों को देखकर

नहीं झुकता मेरा सर किसी मूर्ति या मजार को देखकर,

झुकता है शर्म से सर नारी का अपमान होते देखकर

और झुकता है शर्म से जातिवाद छुआछूत और

असमानता देखकर

नहीं झुकता मेरा सर कुरान, गीता और

बाइबिल देखकर ,

झुकता है शर्म से मेरा सर,

सिर पर मैला ढोते इंसान को देखकर।

और शर्म से झुकता है मेरा सर ,

जब पानी नहीं पी सकता कोई वंचित बालक विद्या के मंदिर पर ।

क्यों नहीं झुकता समाज का सर शर्म  से “ह्यूमन”

देश की ऐसी दशा देखकर, इंसान की ऐसी व्यथा सुनकर।।

नहीं झुकता है मेरा सर,

किसी नेता और अभिनेता के आगे,

झुकता है सर  शर्म से किसी साधु ,सन्त

और बाबा की करतूतों को देखकर।

Ip human

I am I.P.Human My education is m.sc.physics and PGDJMC I am from Uttarakhand. I am a small blogger

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