राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) एक ऐसा नाम है जिसने अपने परिश्रम ,लगन और सूझबूझ से भारत के सबसे कम आयु का प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त किया ।राजीव गांधी के व्यक्तित्व पर जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की गहरी छाप थी। पायलट होने के कारण वे जानते थे कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जहां वायुयान का आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित होना जरूरी है, वही विपरीत परिस्थितियों में अपना मानसिक एवं शारीरिक संतुलन बनाए रखने की भी आवश्यकता होती है। राजीव गांधी ने एक कुशल पायलट की तरह ही देश को ऊंचाइयों पर पहुंचाना चाहा। उन्हें भारत में कंप्यूटर क्रांति का सूत्रधार कहा जाता है। लेकिन मानवता, विकास, एवं शांति के दुश्मनों को यह नागवार गुजरा। उन्होंने मानव बम भेजकर अनंत संभावनाओं से भरे इस युवा नेता की जान ले ली। अपनी मां की तरह राजीव गांधी भी अपनेपन का शिकार हो गए।
Rajiv Gandhi युवाओं को देश की ताकत मानते थे।
नए भारत की नींव रखने वाले पूर्व पीएम स्व0 राजीव गांधी
भारत के नौजवान भारत की सबसे बड़ी ताकत है ।आजादी के लिए जो लड़ाई लड़ी गई उस में युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बुजुर्गों के बताए रास्ते पर चलकर पूरी ताकत देश की आजादी में झोंक दी। आजादी की लड़ाई देश को हर प्रकार से आगे बढ़ाने के लिए लड़ी गई थी। गांधी जी और नेहरू जी के आंदोलन में मनुष्य मात्र को विशेष महत्व दिया गया था।
देश के नौजवानों के लिए राजीव गांधी (Rajiv Gandhi )का संदेश
राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने कई बार अपना संदेश देकर नौजवानों का मार्गदर्शन किया । उनका कहना था -“देश की समस्याओं का समाधान तभी हो सकता है जब युवा वर्ग आगे आएगा। आज गांव में तरह-तरह की परेशानियां हैं। गांव की सड़कें उबड़ खाबड़ पड़ी हैं। किसानों को पानी व बिजली की सुविधाएं मुहैया नहीं है। ऐसे में नौजवानों को चाहिए कि वे इन समस्याओं के कारणों का पता लगाएं जिससे कि उनका निराकरण किया जा सके। जो लोग देश को जाति धर्म और भाषा के नाम पर कमजोर करना चाहते हैं नौजवानों को उनसे निपटना चाहिए। नौजवानों को यह देखना चाहिए कि भारतीय समाज में सरकार के पैसे का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है। जिन लोगों में ईमानदारी नहीं है, नौजवानों को उनके साथ सख्ती से पेश आना चाहिए।सरकारी धन का गलत उपयोग न हो ।इन सभी बातों पर नौजवानों को ध्यान देना चाहिए।”
राजीव(Rajiv Gandhi) गांधी ने दिया था “भारत बनाओ” का नारा।
“भारत बनाओ “का नारा राजीव (Rajiv Gandhi) गांधी ने ही दिया था यह नारा देश की समस्त जनता की आवाज है। इससे देशवासियों को शहीदों की शहादत याद आती है। इस नारे में देश के गरीबों की फरियाद सुनाई पड़ती है। प्रत्येक हिंदुस्तानी को इस नारे का अर्थ समझना होगा तभी भारत और भारत की जनता का विकास हो सकता है।
देश के युवाओं का भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है। पहले उनकी संख्या कम थी पर आज उनकी संख्या बहुत अधिक हो गई है। राजीव गांधी के प्रधानमन्त्रित्व काल में मानव संसाधन विकास के लिए अलग अलग मंत्रालय की स्थापना की गई ।मंत्रालय ने युवा वर्ग को नई दिशा निर्देश देने के लिए कई कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई थी। जिसके अंतर्गत युवाओं को हर विभाग में चाहे वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास हो, या फिर कला संस्कृति और खेल कूद का ,उन्हें आगे बढ़ने उचित अवसर दिया गया। राजीव गांधी का मानना था कि देश का भविष्य युवा वर्ग ही सुनिश्चित करता है। राजीव गांधी ने भारत के विकास के लिए ऐसी योजना बनाई जिससे बेरोजगारी को मिटाया जा सके। वह अपनी योजना के अंतर्गत युवा शक्ति को रोजगार देना चाहते थे ताकि भारत की संपूर्ण आर्थिक विकास की दर अधिक से अधिक ऊंची उठे और बेरोजगारी निरंतर कम हो।
कंप्यूटर क्रांति से देश को दिया डिजिटल इंडिया का कांसेप्ट।
भारत को 21वीं सदी में ले जाने की कल्पना राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने की थी उन्होंने जो कंप्यूटर क्रांति आरंभ की उसकी नीव पर आज भारत डिजिटल इंडिया के युग में प्रवेश कर रहा है। और सूचना क्रांति में भारत एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में उभर कर सामने आया है ।कुछ लोगों ने उस वक्त कंप्यूटर का विरोध किया था बाद में वही लोग उसका महत्व समझ गए ।
वयस्क मताधिकार की आयु 21 से 18 वर्ष की।
राजीव गांधी ने लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिए मतदान की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी इसलिए आज देश में युवा मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है ।और भारतीय राजनीति में युवाओं की एक अहम भूमिका बनकर उभरी है।
दलबदल कानून पास किया
एक युवा प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी ने देश को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का जो प्रयास किया वह हमेशा समरणीय रहेगा। जिस मुश्किल के दौर में राजीव गांधी ने देश की कमान संभाली उस वक्त राजनीति में दलबदल का खेल जारी था। राजनीति के अपराधीकरण के लिए उन्होंने संसद में कानून पास कराया।
सत्ता का विकेंद्रीकरण और पंचायती राज।
साथ ही पंचायती राज को सशक्त करने के लिए राजीव गांधी ही पंचायती राज एक्ट को लेकर आए। जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर राजीव गांधी ने फोकस किया, आज भारत की अर्थव्यवस्था हो या राजनीति हो ,सूचना क्रांति हो, कहीं न कहीं राजीव गांधी के ही बताए गए मार्ग के ही इर्द-गिर्द घूम रही है ।आज युवा जो हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं उनके लिए एक अच्छा मार्ग प्रस्तुत करने का काम राजीव गांधी ने ही किया था।
CONCLUSION.
यह देश का दुर्भाग्य रहा कि कि उनकी मौत से देश अवश्य ही एक दशक पीछे चला गया. शायद राजीव गांधी आज जीवित होते तो भारत कहीं और आगे निकल चुका होता, और शायद विश्व में भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में, एक महाशक्ति के रूप में अपनी पहचान बना चुका होता। आज राजीव गांधी के 77 वें जन्मदिन उनको हार्दिक श्रद्धांजलि।