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आधुनिक कंप्यूटर का इतिहास एवं विकास:know 5 Big Steps

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आधुनिक युग को कंप्यूटर का युग कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी.कंप्यूटर आज मानव जीवन की जरूरत बन गयी है. इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर का इतिहास (History of computer)और कंप्यूटर के क्रमिक विकास के सम्बंध में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं.एक लकड़ी के एबैकस से कंप्यूटर की यात्रा शुरू होते हुुुुए आज लैपटॉप, डेेेस्कटॉप,तक कैसे पहुँची जानते हैैं.

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कंप्यूटर का इतिहास (History Of Computer)

कंप्यूटर विकास कब हुआ?और कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया? इसके लिए हमको उंसके क्रमिक इतिहास पर नजर डालनी होगी.

कंप्यूटर का इतिहास और विकास इसी एबैकस से शुरू होता है।
Abacus

1-एबैकस(Abacus):

एबैकस का आविष्कार चीन में हुवा था.कंप्यूटर का विकास से पहले गणना की दिशा में एबैकस ऐसा यंत्र था जिसकी सहायता से अंको के जोड़,घटाना और आंकिक गणना ( Arithmetic calculatjon) के लिए किस जाता था.यह लकड़ी का ऐसा यंत्र है जिसको मोतियों को तारों में पिरो कर बनाया गया है.एबैकस में 1 से 9 तक कि संख्याएँ सम्मिलित थी.

2-नेपियर बोन्स:

एबैकस की खोज के बाद जॉन नेपियर ने हाथी के दांतों को आयताकार सांचे में ढाला.उनमें संख्याओं को खोदकर गणना की नई विधि का विकास किया ,जिसे नेपियर बोन्स के नाम से जाना गया.

कंप्यूटर का इतिहास
नेपियर बोन्स

3-पास्कल द्वारा निर्मित कैलकुलेटर(Pascal Calculator):

जब हमसे कोई पूछे कि कंप्यूटर का विकास कैसे हुवा तो हमको सर्वप्रथम कम्प्यूटर का इतिहास देखना होगा.उस वक्त हमको पास्कल का कैलकुलेटर याद आ जायेगा.कैलकुलेटर प्रथम गणना मशीन थी.जिसका आविष्कार सन 1645 में ब्लेज पास्कल ने किया था.जो फ्रांस के जाने माने गणितज्ञ थे.इसको एडिंग मशीन (Adding Machine) भी कहा जाता है.यह 0 से 9 तक कि संख्याओं की दर्शाता था. पास्कल कैलकुलेटर केवल जोड़ने और घटाने के काम आता था.

pascal calculator

4-चार्ल्स बैबेज का डिफरेंस इंजन और एनालिटिकल इंजन:

सन 1820 में चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंस इंजन(Deference Engine) का निर्माण किया तथा कुछ समय बाद उन्होंने इसमें सुधार कर एनालिटिकल इंजन बनाया.चार्ल्स बैबेज(Charles Babbage) को’कंप्यूटर का जनक ‘(Father of Computer) कहा जाता है.कंप्यूटर का वास्तविक रूप बैबेज के Concept से ही शुरू होता है.

5-पंच कार्ड(Punch Card):

हरमैन हौलर्थ ने 1880 के आस -पास पंच कार्ड निर्मित किया ,जो आजकल के Computer Card के तरह होता था.हॉलर्थ ने 80 कलम कोड तथा सेंसेस टेबुलेटिंग मशीन Census Tabulator का भी आविष्कार किया.,

6- UNIVAC-1:

इसका पूरा नाम Universal Automatic Computer है.यह कंप्यूटर 1951 में व्यापारिक रूप से उपलब्ध प्रथम कंप्यूटर था.univac से पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का इतिहास शुरू हो जाता है

विश्व का पहला कंप्यूटर कब बना?

1942 में हावर्ड विश्वविद्यालय के एच आइकन(H.ICON) ने एक कंप्यूटर MARK I का निर्माण किया किया था .यह आज के कंप्यूटर का प्रोटोटाइप था.

विश्व का सबसे पहला कंप्यूटर का सर्वप्रथम प्रयोग कब हुआ?

विश्व का सबसे पहला कंप्यूटर ENIAC (Electronic Numerical Integrated and Calculator) था. का व्यावसायिक प्रयोग 1946 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान किया गया था.जो प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था .

कंप्यूटर का क्रमिक विकास एक झलक

चार्ल्स बैै

वर्षविकासकार्य और उपयोग
2000-3000 ई0 पूर्वएबैकसप्रथम मशीनी कैलकुलेटर
1645पास्कल कैलकुलेटरजोड़,घटाव और गिनती में प्रयोग
1834-1871बैबेज एनालिटिकल इंजनप्रथम कंप्यूटर बनाने की शुरुआत.
1887-1896हरमन टेबुलेटिंग मशीनआंकड़ों को सारणीकृत करने में प्रयुक्त
1937-1944हावर्ड आइकन मार्क 1यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कंप्यूटर था
1944-1950इनियक (ENIAC)इसमें प्रोग्राम स्थायी रूप से स्टोर थे.यह पहला पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था.
1545-1952वॉन न्यूमेन स्टोर्ड प्रोग्राम कांसेप्टकंप्यूटर में बाइनरी डिजिट 0 और 1 का प्रयोग
1946-1952एडजैक(EDSAC)मेमोरी युक्त प्रथम कंप्यूटर
1951-1954UNIVACप्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुवात.commercial प्रयोग ke लिए उपलब्ध.

जेनरेशन ऑफ कंप्यूटर (Computer Generation):

वर्तमान में हम कंप्यूटर का जो विकसित रूप देख रहे हैं,वह 5 पीढ़ियों से गुजर् कर इस स्वरूप में आया है.कंप्यूटर का इतिहास इसकी विभिन्न पीढ़ियों में हुुुए परिवर्तन को जाने बिना अधूरा है.

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर(First Generation Computer):

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का समय 1942 से 1945 के बीच का है.इस पीढ़ी का प्रथम कंप्यूटर युनिभेक1 (UNIVAC1) है.यह प्रथम मशीन थी जिसका उपयोग वैज्ञानिक और सेना में किया गया.

1-इसमें निर्वात ट्यूब (Vaccume Tube) का प्रयोग किया गया.

2-प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत बड़े आकार के और भारी थे.इनको एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना कठिन था.

3-इस पीढ़ी के कंप्यूटर 0 एंड 1 अर्थात बाइनरी डिजिट युक्त थे.तथा मशीनी भाषा(Machine Language)को समझते थे.

4-प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में पंच कार्ड का प्रयोग होता था.

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में अधिक मात्रा में विधुत का उपयोग होता था.क्योकि वैक्यूम ट्यूब गर्म होने के बाद भारी मात्रा में ऊष्मा उतपन्न करते थे,जिसको ठंडा करने के लिए Air-conditioning system का प्रयोग करना पड़ता था.

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण है;ENIAC, UNIVAC And Mark -1

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Second Generation Computer):

  • वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्राजिस्टर(Transistor) का यूज होने लगा.
  • 1955 से 1964 तक का समयान्तराल द्वितीय पीढ़ी का रहा.
  • मैग्नेटिक कोर तथा मैग्नेटिक डिस्क का उपयोग होने लगा ,जो डाटा को स्टोर करने के काम आते थे.
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की प्रमुख विशेषता ये थी कि-इनमें प्रोग्रामिंग भाषा COBOL तथा FORTRAN का प्रयोग होने लगा.जो कि व्यावसायिक तथा उधोग जगत के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ.

उदाहरण:IBM 1401 Honey well 200 CDC 1604

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का इतिहास(Third Generation Computer) :

1965 से 1974 तक का समय तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर का काल रहा है-

  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रयुक्त होने वाले इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit -I.C) के ) के आ जाने से कंप्यूटर के आकार में कमी आयी, तथा कार्य करने की गति और क्षमता में वृद्धि हुुुई.
  • हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर अलग-अलग मिलने लगे.
  • SSI और MSI का उपयोग
  • रिमोट प्रोसेसिंग ,मल्टी प्रोग्रामिंग, टाइम शेयरिंग का प्रयोग.
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों का उपयोग क्रेडिट कार्ड बिलिंग,मार्केट फोरकास्टिंग तथा एयरलाइंस रिजर्वेशन सिस्टम में होने लगा.

उदाहरण:-IBM System/360,NCR 395,Burroughs B6500

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर (Fourth Generation Computer):

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर का इतिहास आधुनिक इंटरनेट के विकास में सहायक सिद्ध हुआ.
  • VSLI (Very Large scale Integration )तथा ULSI (Ultra Large scale Integration ) का प्रयोग होने लगा.
  • माइक्रोप्रोसेसर तथा मिनी कंप्यूटर की शुरुआत.
  • MS-DOS,MS -Window,Apple Mac OS तथा ‘C’भाषा का विकास
  • व्यक्तिगत उपयोग के लिए कंप्यूटर सुलभ होने लगे.

उदाहरण: IBM PC -XT,APPLE II

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पाँचवी पीढ़ी के कंप्यूटर (The Fifth Generation Computer):

पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर वर्तमान में इंटरनेट, ई-मेल तथा www के आगमन के लिए जाने जाते हैं.

  • सीडी (Compact Disk) का विकास
  • पोर्टेबल तथा डेस्कटॉप पीसी(PC) जो वर्तमान पीढ़ी के लिए एक अहम अंग बन चुके हैं,इस पीढ़ी के कंप्यूटर हैं.
  • प्रोग्रामिंग की जटिलता कम हो गयी.
  • छोटे से चिप में करोड़ों गणनायें करना आसान हो गया.
  • आकार में छोटे, सस्ते तथा प्लग और प्ले की सुविधा से युक्त.

उदाहरण:Pentium PC,IBM Note book,Super Computer etc.

कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर मानव निर्मित एक स्वचालित मशीन है .जो हमारे द्वारा दिये गए निर्देशों को ग्रहण करके वांछित आउटपुट देता है. इसको कंप्यूटर की भाषा में WYSIWYG (What You See Is What you Get) कहा जता है.कंप्यूटर ने मानव जीवन को इस कदर प्रभावित किया है कि आम भाषा में भी कंप्यूटर का जिक्र होने लगता है.अगर ये कहा जाए कि कंप्यूटर के बिना आधुनिकता अधूरी है तो गलत नहीं होगा.

सेकंडों में कीजिये ,घण्टे भर का काम।

कहीं भी,कभी भी सुबह हो या शाम”

कंप्यूटर फुलफार्म (Full Form of Computer):

सामान्य जानकारी के लिए COMPUTER शब्द को निम्न प्रकार से जान सकते हैं,जिसमें प्रत्येक लेटर का अपना meaning है.स्मरण रहे कि ये कोई आधिकारिक मान्यता प्राप्त परिभाषा नहीं है.

C=Commonly

O= Operating

M=Machine

P=Particularly

U=Used For

T=Trade

E =Education

R=Rearch

कंप्यूटर के प्रकार (Types of computer)

कार्य के आधार पर वर्गीकरण (Classification on working system):

  1. डिजिटल कंप्यूटर(Digital computer): डिजिटल कंप्यूटर बाइनरी पद्धति (Binary System)पर कार्य करते हैै.इनमें आंकड़ों को 0 एंड 1 के रूप में निरूपित कीया जााता है.जिनको प्लस कहते हैं. आधुनिक डिजिटल computer बाइनरी सिस्टम पर ही कार्य करते हैं . डिजिटल वॉच बाइनरी सिस्टम का अच्छा उदाहरण है.
  2. एनालॉग कंप्यूटर(Analog Computer):इनमें विधुत के ac signals के रूप का प्रयोग किया जाता है.इनकी स्पीड धीमी होती है.बोल्टमीटर तथा बैरोमीटार एनालॉग मशीन केके उदाहरण हैै
  3. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer):यह एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर का संयुक्त रूप है.इसमेें इनपुुुट तथा आउटपुट दोनों एनालॉग रूप मैं होता है.

आकार के अनुसार कंप्यूटर का वर्गीकरण (ClassificatioN on size)

1-मेन फ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer): इनके कार्य करने की क्षमता तथा गति काफी अधिक होती है.इनकी आंतरिक मेमोरी क्षमता काफी अधिक होती है.इनमेे एक साथ एक से अधिक यूजर काम कर सकते हैं.इनका उपयोग बैंकिंग,रक्षा तथा अनुसन्धान,और अंतरिक्ष आदि में किया जाता है.

मेन फ्रेम कंप्यूटर के उदाहरण है- IBM-370,IBM-S/390 तथा यूनिभैक 1110.

2 –मिनी कंप्यूटर ( MINICOMPUTER): ये कंप्यूटर आकार में मेन फ्रेम कंप्यूटर से बहुुुत छोटे होते हैं.80386 सुपर चिप लगाने सेेे ये कंप्यूटर मिनी सुपर कंप्यूटर मेंं बदल जाता है.इसके उदाहरण है-AS400,BULL HN-DPX2,HP 9000 और RISC6000.

3-माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer):इनमें माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग होता है.इनमें इनपुट और आउटपुट के लिए अलग-अलग डिवाइस होती हैं-जैसे की बोर्ड इनपुट के लिए तथा मोनीटर आउटपुट डिवाइस के रूप में काम करता है.

उदाहरण-APPLE MAC,IMAC,IBM,PS/2,आदि.

इनका उपयोग घरों में,मनोरंजन ,चिकित्सा आदि क्षेत्रों में होता है.

4-पर्सनल कंप्यूटर (Per sonal Computer):ये आकार मे बहुत छोटे होते हैं.इनमें एक समय में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है.इन कंप्यूटर्स को इंटरनेट से जुड़ सकते हैं .

इनके उदाहरण हैं-IBM ,Compaq,Lenovo,Hp.आदि.

कंप्यूटर का इतिहास
पर्सनल कंप्यूटर.

5-लैप टॉप (Laptop):ये पीसी की तर्ज पर कार्य करते हैं.आकर मे छोटे तथा हल्के होते हैं.इनको इसको कहीं भी ले जा सकते हैं.बैटरी से भी काम करता है.लैपटॉप में कीबोर्ड,माउस,सीपीयू आदि संयुक्त होते हैैं.इनकी मुख्य विशेषता यह है कि लैपटॉप को वाईफाई तथा ब्लूटूथ से कनेक्ट कर हम आसानी से इंटरनेट भी चला सकते हैं.IBM,Compaq,Apple,Lenovo,Hp आदि इसके उदाहरण है.

6-पामटॉप(Palmtop):जैसा कि नाम से बिदित है इसको आसनी से हथेली में रखा जा सकता है.,इसे PDA भी कहते हैं.

7-सुपर कंप्यूटर (Super Computer):यह दुनिया सबसे तेज गति से काम करने वाला कंप्यूटर है. सुपर कंप्यूटर में हजारों माइक्रोप्रोसेसर लगे होते हैं.यह सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर है विश्व का प्रथम सुपर कंप्यूटर 1964 ईस्वी में बना जो CDC 6600 था .

भारत का पहला कंप्यूटर का नाम क्या था?

सिद्धार्थ“भारत का पहला कंप्यूटर था,जो कि भारत में ही निर्मित हुवा है.

भारत का प्रथम सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है?

भारत में सुपर कंप्यूटर का इतिहास लगभग 3 दशक पुराना है.”परम्”भारत का पहला सुपर कंप्यूटर है.जिसका निर्माण 1991 में C.DAC द्वारा किया गया.


use of computer

मूल्यांकन

हमने देखा कि किस प्रकार एक एबेकस और कलकुलेटर से धीरे-धीरे आज सुपर कंप्यूटर तक का सफर तय कर लिया है.कहा जाता है कि”आवश्यकता आविष्कार की जननी है”
इसअंक में हमने कंप्यूटर का इतिहास और विकास, कंप्यूटर के प्रकार,कंप्यूयूटर का पीढ़ी दर क्रमिक विकास,और भारत तथा विश्व के प्रथम सुपर कंप्यूटर के नाम जाने.आगेे के अंक में कंप्यूटर के भाग

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I am I.P.Human My education is m.sc.physics and PGDJMC I am from Uttarakhand. I am a small blogger

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