दोस्तो नमस्कार।जिंदगी में कुछ करना है तो सिर्फ कर्म और मेहनत।भाग्य भरोसे रहकर सफलता नहीं मिल सकती है।कहा गया है। god helps those who helps themselves.
आज के आर्टिकल का भी यही उद्देश्य है कि भाग्य भी उन्हीं लोगों का साथ देती है जो खुद की मदद करते हैं अर्थात खुद प्रयत्न करते हैं परिस्थितियों से लड़ने के लिए।आइए एक कहानी के माध्यम से आपको ये बात समझाते हैं।
किस्मत उनका साथ देती है जो खुद की मदद करते हैं (LUCK FAVOURS THOSE WHO HELP THEMSELVES)
एक कस्बे में बाढ़ आई । एक आदमी के सिवा वहाँ रहने वाला हर आप किसी सुरक्षित स्थान पर जा रहा था। जिस आदमी ने अपनी नहीं छोड़ी, उसका कहना था, “मुझे विश्वास है कि भगवान मेरी रक्षा करेगा।” पानी का स्तर बढ़ने पर उसे बचाने के लिए एक जीप आई। पर उस आदमी ने यह कह कर जाने से इनकार कर दिया, “मुझे विश्वास है कि भगवान मेरी रक्षा करेगा।” पानी का स्तर और बढ़ने पर वह अपने मकान की दूसरी मंजिल पर चला गया। तब उसकी बाद करने के लिए एक नाव आई। उस आदमी ने उसके साथ भी यही कह कर जाने से इनकार कर दिया कि “मुझे विश्वास है, भगवान मेरी रक्षा करेगा।” पानी का स्तर बढ़ता जा रहा था । वह आदमी अपने मकान की छत पर चला गया। उसकी मदद के लिए हेलीकॉप्टर
(helicopter) आया। लेकिन उस आदमी ने अपनी वही बात फि दुहराई “मुझे विश्वास है, भगवान मेरी रक्षा करेगा ।” आख़िरकार डूब कर मर गया। भगवान के पास पहुँचने पर उसने उनसे गुस्से मेरे लहज़े में सवाल किया, “मुझे आप पर पूरा विश्वास था, मेरी प्रार्थनाओं को अनसुना कर मुझे डूबने क्यों दिया?” भगवान ने जवाब दिया, “तुम क्या सोचते हो – तुम्हारे पास जीप, नाव जो हेलीकॉप्टर किसने भेजा था?”
भाग्वादी नज़रिए से उभरने का केवल एक ही तरीका है कि हम ज़िम्मेदारियाँ क़बूल करें, और क़िस्मत पर यक़ीन करने के बजाए वजह और नतीजे के सिद्धांत में विश्वास करें। ज़िंदगी में कोई लक्ष्य, इतज़ार चाहत और अचंभित होकर सोच-विचार करते रहने से नहीं, बल्कि काम तैयारी और योजना से हासिल होता है ।
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) अपनी ऊँचा सुनने वाली पत्नी के लिए सुनने में मदद देने वाली एक मशीन बनाने की जीतोड़ कोशिश कर रहे थे। वह उस मशीन को बनाने में तो नाक़ामयाब रहे, पर उसी दौरान उन्होंने टेलीफोन बनाने का सिद्धांत ढूँढ़ निकाला। क्या हम ऐसे व्यक्ति को भाग्यशाली मानेंगे?
अच्छी क़िस्मत तभी हासिल होती है, जब तैयारी और अवसर का मेल हो । कोशिश और तैयारी के बिना अच्छे संयोग घटित नहीं होते।
ARTICLE SOURCE :”जीत आपकी”by शिव खेड़ा