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आजादी के बाद भारत में 1957 में द्वितीय लोकसभा के आम चुनाव संपन्न हुए.ये चुनाव 24 फरवरी 9 जून के मध्य कराए गए .भारत का लोकतंत्र अब धीरे-धीरे मजबूत होने लगा था.चुनाव आयोग भी ज़िम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा था.राजनीती के धरातल में अब भी पण्डित जवाहरलाल नेहरू का दबदबा बरकरार था.ये भी गौरतलब है कि विपक्ष भी अब अपनी मौजूदगी दिखाने लगा था.
आजादी के बाद भारत के द्वितीय चुनाव में राजनीतिक दल:
पहले आम चुनाव में कुल 53 राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ा था.आजादी के बाद जहाँ पहले आम चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 14 थी,वहीं दूसरे आम चुनाव में ये संख्या मात्र 4 रह गयी थी.क्षेत्रीय दलों की संख्या में भी भारी कमी आयी.पहले आम चुनाव में क्षेत्रीय दलों की संख्या 39 थीं,जबकि दूसरे आम चुनाव में 19 क्षेत्रीय दलों को ही चुनाव आयोग ने मान्यता प्रदान की थी.इस प्रकार आजादी के बाद भारत में 1957 के आम चुनाव में मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त कुल 45 राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव लड़ा था.
चुनाव आयोग की भूमिका:
आजादी के बाद भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त का दायित्व सुकुमार सेन ने निभाया था.उनके कुशल प्रशानिक क्षमता ने दूसरे आम चुनाव में भी अहम भूमिका निभाई।उन्होंने चुनाव में खर्चों ओर जाफी कटौती जी.पहले आम चुनाव में उपयोग में लायी गयी मतपेटियों को सुरक्षित रखकर चुनाव आयोग ने करोड़ों रुपये बचाये.द्वितीय आम इलेक्शन में चुनाव आयोग के कड़े नियमों जे कारण मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की संख्या में भारी कमी आयी.
अटलबिहारी बाजपेई का संसद में प्रवेश:
द्वितीय लोकसभा का आम चुनाव इसलिए भी खास कहा जा सकता है कि ,इस चुनाव में भारतीय जनसंघ (अब भारतीय जनता पार्टी) से अटल बिहारी बाजपेई प्रथम बार संसद पहुंचे.आगे चलकर वो देश के प्रधानमंत्री बने.अटल बिहारी बाजपेयी उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट से जीतकर पहली बार 1957 के दूसरे आम चुनाव में संसद सदस्य बने.
राष्ट्रीय पार्टियां:
1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में कुल 4 ही राष्ट्रीय पार्टियां थीं जिनमें निम्नलिखित पार्टियाँ थी.
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
- सीपीआई
- भारतीय जनसंघ
- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी.
चुनाव आयोग के आंकड़े:
1 | लोकसभा में कुल स्थान | 494 |
2 | कुल मतदाता | 19 करोड़ 36 लाख 52 हजार लगभग |
3 | लोकसभा के किये पड़े मत | 10 करोड़ 34 लाख 61 हजार लगभग |
4 | लोकसभा के लिए कुल प्रत्याशी | 1510 |
5 | कुल मतदान प्रतिशत | 47.84 |
राजनीतिक दलों की स्थिति:
1957 के लोकसभा निर्वाचन में 494 स्थानों के लिए मतदान हुवा.नेहरू के नेतृत्व पर फिर से जनता ने भरोसा किया और 1952 के चुनाव से अधिक सीटें प्राप्त कर नेहरू के एक बार पुनः प्रधानमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया था.कांग्रेस ने सीटें ज्यादा हांसिल अवश्य की ,मगर आजादी के बाद भारत में 1957 के आम चुनाव से उत्तर भारत में कांग्रेस का जनाधार घटने लगा था जो 2019 के आम चुनाव तक जारी है.
इस आम चुनाव की एक और बात दिलचस्प रही थी कि कांग्रेस के सामने संसद में मान्यता विपक्ष दल रहा है नहीं .आइये एक झलक परिणामों ओर डालते है.
राजनीतिक दल | सीट जीती | वोट% |
कांग्रेस | 371 | 47.5 |
सीपीआई | 27 | 8.9 |
प्रजा सोशलिस्ट पार्टी | 19 | 19.41 |
भारतीय जनसंघ | 4 | 5.97 |
शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन | 6 | – |